70% ज्यादा खतरनाक कोरोना का नया अवतार, क्या वैक्सीन होगी असरदार? समझिए


वैक्सीन की शुरुआत ब्रिटेन से हुई. लेकिन, अब खतरा भी सबसे पहले ब्रिटेन पर ही है. कोरोना वायरस ने अपना स्ट्रेन बदल दिया है. लंदन में इसे स्पॉट किया गया.



विश्व में एक बार फिर भयानक 'खतरा' मंडरा रहा है. यह खतरा कोई नया तो नहीं, लेकिन ज्यादा खतरनाक है. 


नई दिल्ली

विश्व में एक बार फिर भयानक 'खतरा' मंडरा रहा है. यह खतरा कोई नया तो नहीं, लेकिन ज्यादा खतरनाक है. कोरोना ने दुनियाभर में काफी तबाही की. अचानक सभी देशों में लॉकडाउन खुले और फिर से सामान्य जीवन शुरू करने की तरफ कदम बढ़े. लेकिन, खतरा खत्म कहां हुआ. पिछले कुछ दिनों में सबको अंदाजा था कि वैक्सीन सफल हो रही हैं तो जल्द ही खतरा टल जाएगा और धीरे-धीरे सबकुछ पटरी पर लौटेगा. नहीं, जरा संभल जाइये. क्योंकि, इस बार खतरा ज़रा ज्यादा है. 


ब्रिटेन में मिला वायरस का नया रूप


वैक्सीन की शुरुआत ब्रिटेन से हुई. लेकिन, अब खतरा भी सबसे पहले ब्रिटेन पर ही है. कोरोना वायरस ने अपना स्ट्रेन बदल दिया है. लंदन में इसे स्पॉट किया गया. क्रिसमस की तैयारियों के बीच ब्रिटेन में कोरोना वायरस का नया स्ट्रेन आसान भाषा में कहें तो वैरिएंट (नया रूप) सामने आया है. जो बेहद खतरनाक है. नए स्ट्रेन ने ब्रिटेन खासकर लंदन में तहलका मचा दिया है. आनन-फानन में ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने इमरजेंसी लॉकडाउन लागू कर दिया. फ्लाइट्स बंद हैं. 30 दिसंबर तक सख्त पाबंदियां लगाई गई हैं. 



वायरस को दिया गया नया नाम


नए खतरे ने ज़हन में नए सवाल भी खड़े कर दिए हैं. सवाल ये कि वायरस की बदली हुई स्ट्रेन पर कोरोना वैक्सीन कितनी इफेक्टिव रहेगी? इस मुद्दे पर विश्वभर के वैज्ञानिक शोध में जुट गए हैं. फिलहाल मुद्दे पर लौटते हैं. वायरस का नया स्ट्रेन- वैज्ञानिकों ने इसे नया नाम VUI-202012/01 दिया है. खुद प्रधानमंत्री जॉनसन ने आशंका जताई है कि वायरस का नया स्ट्रेन 70 प्रतिशत ज्यादा खतरनाक हो सकता है. हालांकि, अभी तक वैसे अभी तक वायरस की नई सीक्वेंसिंग हुई नहीं है और एक्सपर्ट इसे समझने की कोशिश ही कर रहे हैं. नए खतरे को भांपते हुए इतिहास में पहली बार क्रिसमस मनाने की भी छूट नहीं है.


वायरस में हो रहा है म्युटेशन


एक्सपर्ट्स की मानें तो किसी भी वायरस में लगातार म्यूटेशन होता रहता है. ज्यादातर वेरिएंट खुद ही म्यूटेट होने के बाद मर जाते हैं, लेकिन कभी-कभी वायरस म्यूटेट होने के बाद पहले से कई गुना ज्यादा मजबूत और खतरनाक होकर सामने आता है. ये प्रक्रिया इतनी जल्दी होती है कि वैज्ञानिकों को भी समझने और रिसर्च करने में समय लगता है और तब तक वायरस एक बड़ी आबादी को अपनी चपेट में ले चुका होता है. जैसा कि ब्रिटेन समेत कई देशों में दिख रहा है.


नए रूप की पहचान में जुटे वैज्ञानिक


फिलहाल यह समझने की कोशिश हो रही है कि क्या कोरोना वायरस के नए वेरिएंट के Genome में बदलाव हुआ है या नहीं? क्योंकि, अगर बदलाव होता है तो वैक्सीन के असरदार होने पर सवाल होगा. हालांकि, अभी तक कोरोना वायरस के जितने भी नए रूप मिले, उनकी जीनोम संरचना में कोई बदलाव नहीं दिखा है. ब्रिटेन में मिले कोरोना के नए स्ट्रेन पर AIIMS दिल्ली के कोरोना सेंटर हेड डॉ. राजेश मल्होत्रा के मुताबिक, जब से कोरोना वायरस आया है तब से 4 हज़ार बार म्यूटेट कर चुका है. ऐसे में अभी कुछ कहना जल्दबाजी है. घबराने की नहीं लेकिन, सावधान रहने की जरूरत है. ब्रिटेन में मिला नया स्ट्रेन भारत में नहीं है. सवाल यह भी है कि ब्रिटेन में बढ़ते हुए कोरोना के केसों का असल कारण क्या सच में वायरस का नया स्ट्रेन है? अभी और रिसर्च की जरूरत है.


नए स्ट्रेन पर वैक्सीन करेगी असर?


नए स्ट्रेन के वैक्सीन पर असर होने के सवाल पर CSIR के डायरेक्टर डॉ. शेखर मांडे का कहना है कि वायरस के स्ट्रेन बदलने की वजह से वैक्सीन पर कोई खास असर नहीं पड़ेगा. क्योंकि कोरोना वायरस के म्युटेशन की वजह से सिर्फ प्रोटीन सीक्वेंस में ही बदलाव होने की उम्मीद है. जीनोम में नहीं. डॉ. मांडे के मुताबिक, कोरोना की वैक्सीन वायरस के किसी भी स्ट्रेन पर बराबर असर करेगी और कामयाब रहेगी.


पूरी तरह सुरक्षित रहेगी वैक्सीन


डॉ. शेखर मंडे के मुताबिक, विश्व में कहीं भी वैक्सीन को तब मंजूरी मिलती है, जब ट्रायल के दौरान उसका कोई खतरनाक इफेक्ट नहीं पाया जाता है. भारत में अभी फिलहाल 3 कंपनियों ने अपनी वैक्सीन के इमरजेंसी अप्रूवल के लिए DCGI के पास आवेदन कर रखा है. ट्रायल के दौरान इन तीनों वैक्सीन में कोई भी एडवर्स इफेक्ट नहीं दिखा था. डॉ. मांडे ने आश्वस्त किया कि लोगों को भरोसा रखना चाहिए कोरोना की वैक्सीन पूरी तरह सुरक्षित है और लोगों को वैक्सीन के बारे में किसी भी तरह के मिथ से दूर रहना चाहिए.


7 करोड़ से ज्यादा लोग संक्रमित


पूरी दुनिया साल 2020 में कोरोना महामारी के प्रकोप से जूझ रही है. अब तक यह वायरस पूरे विश्व मे साढ़े 7 करोड़ से ज्यादा लोगों को संक्रमित कर चुका है और साढ़े 16 लाख से ज्यादा लोगों की जान ले चुका है. वहीं भारत मे अब तक कोरोना वायरस की चपेट में आने वाले लोगों की संख्या 1 करोड़ से ज्यादा है और 1 लाख 45 हज़ार से ज्यादा लोग इस संक्रमण से अपनी जान गवां चुके हैं |

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