व्यापारी की आवाज सरकार के कानों तक नही पहुँची :- अजय चोपड़ा



      कोरोना महामारी की मार झेल रहे व्यापारियों की आवाज मूक बनी सरकार के कानों तक नहीं पहुंच सकी। तमाम व्यापारिक संगठनों के अथक प्रयास के बावजूद भी सरकार के कानों में जूं नहीं रेंगी। गत वर्ष के घाटों के बावजूद व्यापारी इस वर्ष आस लगाए बैठा था कि वह पिछले वर्ष का घाटा पूरा तो नहीं लेकिन कुछ हद तक पूर्ति कर सकेगा। प्रदेश सरकार एक तरफ तो कह रही है कोरोना महामारी के ऊपर अंकुश लगा दिया गया है और दूसरी तरफ महामारी की मार झेल रहे व्यापारी वर्ग की इच्छा सोमवार से शुक्रवार तक अपने व्यापारिक संगठन खोलने की इच्छा पर सरकार ने विचार तक नहीं किया। माना कि इस समय महामारी का दौर चल रहा है लेकिन दूसरी तरफ इस महामारी की वजह से जो व्यापार का घाटा हो रहा है उसकी तरफ भी सरकार को ध्यान देना चाहिए था।

 दिहाड़ी मजदूर कर्जा ले लेकर अपना पेट भर रहा है ।

प्रदेश मैं केवल व्यापारी की शटर न खुलने से लेकर बाकी सारा कार्य अपने नियमित रूप से चल रहा है। व्यापारी इसको लेकर बहुत अवसाद में चल रहा है।

                प्रदेश में इतने मजबूत व्यापारिक संगठनो की आवाज भी सरकार ने अनसुनी कर के व्यपारियो की कमर तोड़ दी।

                        *अजय चोपड़ा*

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