रटौल रामलीला में राम को राजतिलक की घोषणा
चांदीनगर । रटौल रामलीला में शुक्रवार में सीता विदाई के बाद श्रीराम के राजतिलक की घोषणा व् कैकेयी कोपभवन की लीला का मंचन किया गया। श्रीराम के राजतिलक की घोषणा के प्रसंग में राजा दशरथ, महर्षि वशिष्ठ अपने अमात्यों से विचार-विमर्श करते हैं। सब लोग श्रीराम को राजगद्दी सौपने का समर्थन करते हैं।
श्रीराम के राजतिलक की सूचना मिलने पर कैकेयी की दासी मंथरा चिंतित हो जाती है और भरत के राजतिलक के लिए कुटिल चाल चलती है। मंथरा कैकेयी के पास जाती है और उसे राजा दशरथ, श्रीराम और कौशल्या के खिलाफ भड़काती है। मंथरा कहती है कि श्रीराम के राजा बन जाने पर भरत राम के दास हो जाएगें और कैकेयी कौशल्या की दासी बन जाएगी। पहले तो कैकेयी के ऊपर कोई असर नहीं होता लेकिन धीरे-धीरे वह मंथरा की कुटिल चालों में आ जाती है। मंथरा उससे कोप भवन में जाने और अतीत में दशरथ द्वारा दिए गए दो वरदानों को मांगने को कहती है। रामलीला संचालक मा० देवेंद्र अरोरा ,पंडित कुश प्रशाद शास्त्री ,संजय अरोरा , मानसिंह ,बंटी , गुप्ता ,अंकुर ,लीलू ,महेंद्र शर्मा ,पम्मी कश्यप ,राजू पाल आदि मौजूद रहे।
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