बर्दी के नशे मे चूर इंस्पेक्टर
लड़कियों की सुरक्षा को लेकर सरकारें चाहे जितने मर्जी दावे कर ले लेकिन आज भी लड़कियाँ सुरक्षित नहीं है। देश जितनी मर्जी तरक्की कर ले लेकिन जहां नारी सुरक्षित नहीं वह देश आगे नहीं बढ़ सकता। यहाँ जनता
एक तरफ जनता की सेवा के लिए ऐसे इंस्पेक्टर को बर्दी मिल जाती है,, की बर्दी को कलंकित करते नजर आरहे ऐसे घमण्डी इंक्पेक्टर प्रवेश कुमार,,
महिला पत्रकार व उसके साथी से की अभद्रता,,,आपको बतादे की मामला अलीगढ थाने सिविललेन का है, जहाँ महिला पत्रकार ने किसी मामले को लेकर जानकारी करनी चाही तो, इंस्पेक्टर पत्रकार का नाम सुनते ही आग बबूला होकर बत्तमीजी पर उतर आये, तेरे जैसे कितने आये कितने गये और अपनी औकात मे रह और चल निकल यहाँ से हमें किसी बारे मे बात नहीं करनी ,, एक तरफा महिला पत्रकार से ये अभद्र तरीका एक इंस्पेक्टर को शोभा नहीं देता , ज़ब एक महिला पत्रकार लोकतंत्र का चौथा इस्तम्भ होने नाते,जानकारी करने गयी महिला पत्रकार से और उनके साथी से बत्तमीजी पर उतारू हो गये ये इंस्पेक्टर प्रवेश कुमार,, तो आमजन जो बेचारे शिकायत लेकर आते है थाने उनसे किस तरीके से पेश आते होंगे ये आप खुद अंदाजा लगा सकते है, ऐसे इंस्पेक्टर वर्दी को बदनाम करते है,
If it is true, it is very bad.
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