मैक्स हॉस्पिटल पटपड़गंज ने अलीगढ़ में कार्डियोलॉजी ओपीडी शुरू की



*यह ओपीडी हर महीने के चौथे *बुधवार  को सुबह 11 बजे से 1 तक कुमार नर्सिंग होम में संचालित होगी*

अलीगढ़, 23 मार्च, 2022: देश के अग्रणी स्वास्थ्य संस्थान मैक्स सुपर स्पेशियल्टी हॉस्पिटल, पटपड़गंज, नई दिल्ली ने आज अलीगढ़ स्थित कुमार नर्सिंग होम के साथ भागीदारी से वहां दिल की बिमारियों के लिए अपनी विशेष ओपीडी सेवाएं शुरू की। यह ओपीडी सेवाएं शुरू होने से अलीगढ़ और आसपास के क्षेत्रों के सभी उम्र और सभी पृष्ठभूमि के लोगों को सर्वश्रेष्ठ इलाज और परामर्श पाने के लिए अब दूसरे शहर नहीं जाना पड़ेगा।


आज से यह ओपीडी कुमार नर्सिंग होम, रामघाट रोड, अलीगढ़ में संचालित होगी और प्रत्येक महीने के चौथे बुधवार को सुबह 11 बजे से 1 बजे तक मरीजों को सेवाएं देगी।  इससे मरीज हृदय संबंधी बीमारियों के बारे में जानकारी और नियमित फॉलो—अप पाने के लिए डॉक्टरों से अप्यांटमेंट मिल सकेगा।


ओपीडी का उद्घाटन *मैक्स हॉस्पिटल पटपड़गंज के डॉ परनीश अरोड़ा (निदेशक- इंटरवेंशनल कार्डियोलॉजी)* ने किया। आम लोगों में कई तरह की एहतियाती कदम के बारे में जानकारी नहीं होने के कारण छोटे और मझोले शहरों में हृदय संबंधी समस्याएं लगातार बढ़ रही हैं।


डॉ परनीश अरोड़ा बताते हैं, इंटरवेंशनल कार्डियोलॉजी में न्यूनतम शल्यक्रिया पद्धति अपनाई जाती है और यह एक ऐसा अदृश्य क्षेत्र है जो पिछले एक दशक से तेजी से विकसित हो रहा है। इस तरह की शल्यक्रिया में न सिर्फ मरीज बहुत जल्दी रिकवर हो जाता है, बल्कि अस्पताल में भी उसे कम समय ही रुकना पड़ता है और उसकी शारीरिक संरचना  एवं कार्यशीलता पर भी कोई दुष्प्रभाव नहीं पड़ता है। हाल के वर्षों में विभिन्न प्रकार के कार्डियोवैस्कुलर रोगों (सीवीडी) से पीड़ित कई मरीजों को इंटरवेंशनल कार्डियोलॉजी के जरिये उपचार कराने से बड़ा फायदा हुआ और उनकी मृत्यु की संभावना भी खत्म हो गई।“


हाल की तरक्की कुछ कठिन हालात वाले मरीजों के बेहतर परिणाम देने में भी मददगार साबित हुई है। इस तरह की चिकित्सा पद्धतियां न सिर्फ मरीज को प्रभावी तरीके से इलाज में मदद करती हैं, बल्कि उनके जीवन की गुणवत्ता में भी सुधार आता है। शुरुआती चरणों 

में कोरोनरी एंजियोप्लास्टी और स्टेंटिंग का इतना विकास हुआ कि अब लोग पूरे भरोसे के साथ यह पद्धति अपनाने पर सहमत हो गए हैं।


डॉ परनीश ने कहा, इसके अलावा विभिन्न नई तकनीकों की मदद से कठिन मामलों में जहाँ अवरुद्ध आर्टरी को खोलने से फायदा होगा या नहीं पहले ही पता चल सकता है, परंपरागत तरीकों से इसका पता नहीं चलता। फ्रैक्शनल फंक्शनल रिजर्व (एफएफआर), इंट्रावस्कुलर अल्ट्रासाउंड ( आईवीयूएस ) और ऑप्टिकल कोहरेंस टोमोग्राफी (ओसीटी) तकनीक का उपयोग करने से न केवल मरीजों का प्रभावी ढंग से इलाज करने में मदद मिलती है, बल्कि उनके जीवन की गुणवत्ता में भी सुधार होता है। ऐसी जटिल प्रक्रियाओं के लिए हमारे पास उपलब्ध तकनीकी विशेषज्ञता के कारण, उपचार की सफलता दर 90 प्रतिषत से भी अधिक होती है।”


बड़े और मंझोले शहरों में जन्मजात हृदय दोष, वाल्व की समस्या और हृदय की धमनियों की रुकावट जैसी हृदय संबंधी विभिन्न बीमारियों, जीवनशैली संबंधी बीमारियों और वायरल संक्रमण से पीड़ित रोगियों की संख्या में वृद्धि हुई है। यह भ्रांति है कि दिल की बीमारियां और हार्ट फेल्योर सिर्फ वृद्ध लोगों को ही प्रभावित करते हैं और ये समस्याएं मेट्रो शहरों तक ही सीमित हैं।


 


बाईट, डॉक्टर पी कुमार 

बाईट डॉक्टर परनीश अरोरा 

बाईट, नेफ्रो logist डॉक्टर  sk झा 


मण्डल ब्यूरो 

 नगमा राव

अलीगढ

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